टोप-10 शायरी माँ और पिताजी
1. मोहब्बत तुझसे बेसुमार कर बेठा अगर मंजूर हुआ मुकदर को तो फूल फिर खिलेंगे बिछड़े हुए दो दिल फिर मिलेंगे अगर मिल न पाये इस जनम में तो काया हुआ ये आशिक़ है फिर मिलेंगे किसी और जानम में ! 2. तुम तो आई हो कही जन्नत से, ऐसी महबूबा जमाने मे कहाँ मिलती है || मेरे वजूद मे काश तू उतार जाए मे देखु आईना ओर तू नज़र आए, तू हो सामने और वक़्त ठहर जाए, ये ज़िंदगी तुझे यू ही देखते हुए गुज़र जाए.. 3. सारी उमर आपको प्यार मिले, जो दिल मे है वो हज़ार बार मिले, बिछर जाते है कुछ लोग मिलने के बाद, जो कभी ना बिचरे वैसा प्यार आपको मिले. 4. कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचानी को बस बादल समझता है में तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है 5. चुपके से गुजार देंगे जिंदगी नाम तेरे लोगों को फिर बताएंगे प्यार ऐसे भी होता है 6. गुलाम बनकर जिओगे तो. कुत्ता समजकर लात मारेगी तुम्हे ये दुनिया नवाब बनकर जिओगे तो, सलाम ठोकेगी ये दुनिया…. “दम” कपड़ो में नहीं, जिगर में रखो…. 7. उस जैसा मोती पूरे समंद्र में नही है, वो चीज़ माँ